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sugarcane गन्ने मैं अब नहीं आएगा किसी प्रकार का कोई रोग करें ये उपाय गन्ने की फसल का सबसे खतरनाक रोग चोटी भेदक का ये देसी उपाय

गन्ने मैं अब नहीं आएगा किसी प्रकार का कोई रोग करें ये उपाय गन्ने की फसल का सबसे खतरनाक रोग चोटी भेदक का ये देसी उपाय

 

 

 

sugarcane  गन्ने की फसल भारत देश में अधिक मात्रा में की जाती है और गन्ने की फसल को सफलतापूर्वक उत्पादन व उत्पादकता को बनाए रखने के लिए कुछ प्रावधान है। जिसे सफलतापूर्वक करना  होगा गन्ने की फसल एक लंबी अवधि की फसल है। इस फसल को 1 वर्ष बाद काटा जाता है यदि आप गन्ने की फसल से संबंधित किसी प्रकार की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं।

Any kind of disease will not come in sugarcane now, do this remedy, the most dangerous disease of sugarcane crop, this indigenous remedy of braid borer
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तो आप हमारे साथ इस लेख  को अंत तक जरूर पढ़ें जैसा कि सभी किसान भाई जानते हैं आज के दौर में गन्ना की फसल को लगाना  कितना कठिन हो चुका है गन्ने की फसल में कुछ बरसों से अधिक रोग आने के कारण किसानों भाइयों को किसी प्रकार से  भी किसानों की आय मे  वृद्धि नहीं हो पाई है यदि आप अपनी आय में वृद्धि करना चाहते हैं तो

हमारे दिए गए कुछ पॉइंट पर गौर जरूर करें जिसके माध्यम से आप अच्छी फसल उगा सकते हैं

गन्ने के रोगो पहचान कैसे करें

गन्ने की फसल को सफलतापूर्वक प्रदान करने के लिए किसानों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है इसके माध्यम से किसानों को अच्छी पर्सन मिल पाती है लेकिन हम आपको बता देगी कुछ वर्षों से किसानों को किसी प्रकार की कोई आमदनी नहीं हो पा रही है इसका कारण है

नए किस्म के यह हैं रोग जो गन्ने की फसल को सफलतापूर्वक तैयार नहीं होने देते तो हम आपको बताएंगे कि गन्ने की खेती में आने वाले लोगों को किस नाम से इन रोगों की पहचान कैसे करें व गन्ने की खेती में आने वाले रोगों की दवाइयों के बारे में भी हम अपने आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे

गन्ने फसल में आने वाला कड़वा रोग

गन्ने की फसल में आने वाले भिन्न भिन्न प्रकार के रोग होते हैं किंतु इनमें से यह रोग ‌‌‌‌‌‌स्पोरिसोरियम सीटामिनियम नामक फफूंदी से होता है इसकी विशेष पहचान लिया है कि इसके पौधे में से काले रंग की एक संरचना निकलती है यह एक पतली झिल्ली द्वारा ढकी रहती है बाद में इसमें काले रंग का एक पाउडर सावन जाता है

जिसके अंदर रोगे ले बीजाणु होते हैं जिसके कारण इससे गिरने वाले जीवाणु जमीन पर फैल जाते हैं और धीरे-धीरे गन्ने की फसल को नष्ट करने लग जाते हैं जिसके कारण यह कड़वा रोग बहुत ही बड़ा रोग गन्ने की फसल के लिए बना हुआ है गन्ने में पीढ़ी की फसल में द्वितीयक संक्रमण का कारण बनते हैं इसके कारण गन्ने की संख्या 22 से निकलने वाली रस की मात्रा भी कम हो जाती है गन्ने के संक्रमित हो जाते हैं ही गन्ने के बीज को नए प्रकार से बनाई प्रजाति है गन्ना लगाना चाहिए

पोक्का बोइंग गन्ना रोग

जैसा कि सभी किसान भाई जानते हैं की गन्ने की फसल में कुछ बरसों से कई प्रकार के नए रोग बाय जा रहे हैं लेकिन वह आप सभी को बता दें कि गन्ने की फसल में इन रोगों से निजात पाने के लिए हम आपको सभी प्रकार के दवाइयां बताएंगे जिससे कि आप अपनी फसल को अच्छी तरीके से वह सके एक रोग पोक्का बोइंग गन्ना रोग भी होता है

जिसमें की फ्यूजेरियम ऑक्सी स्पोरम नाम की फफूंदी से होता है इससे गन्ने की फसल पर बहुत प्रभाव पड़ता है ऊपर से निकलने वाली पत्तियां विकृत हो जाती हैं गन्ने की पत्ती आपस में चिपकती हुई चूड़ीदार निकलती है इसके भाग में रोग की तीव्रता अधिक होने पर ऊपरी भाग में गलन व सड़क हो जाती है जिसके माध्यम से गन्ना अपनी ग्रोथ वारसी रुक जाता है यह रोग बहुत ही खतरनाक होता है इस रोग को नष्ट करने के लिए कीटनाशक दवाई को स्प्रे कर कर नष्ट किया जा सकता है

पीले पत्ते का गन्ने में रोग होना

गन्ने की फसल में एक यह रोग भी अधिक मात्रा में पाया जाता है गन्ने की पत्ते पीले रंग की हो जाती हैं जिसका कारण है विषाणु जनित रोग नाम का यह रोग होता है इसका प्रारंभिक कारक शुगरकेन वह गन्ने शुगर केन वायरस होता है यह बारिश पौधे की पत्तियों को मध्य सिरा ऊपर से पीली कर देता है इसका पीलापन बढ़ता जाता है

इसके लक्षण 6 से 8 माह के गन्ने में दिखाई देता है इस रोग की आवृत्ति व्रतों में पढ़ती है ऊपर से नीचे की ओर सूक्ति जाती है इसका प्रकोप से गन्ने की ऊपरी भाग की इंटरनोड छोटे हो जाती है हाल के दिनों में इस रोग का प्रकोप बहुत तेजी से चल रहा है इस रोक को 10 करने के लिए विशेषज्ञ नहीं नई प्रकार की दवाई नहीं जाती है यह दवाई स्माल कर सभी किसान भाई इस रोग को नष्ट कर सकते हैं

गन्ने की कीटनाशक दवाइयां

गन्ने की कीटनाशक दवाइयां आज के समय में नकली भी अधिक मात्रा में पाई जा रही है जिसे छोटे-मोटे किराना स्टोर वह बीज भंडार द्वारा भी प्राप्त कराई जा रही है लेकिन हम आपको बता देंगे यदि आप गन्ना किसान हेतु कीटनाशक दवाइयां अच्छी प्राप्त करें अन्यथा आपकी फसल में तेजी से पनप रहे रोग

जिसे आप दवाइयां द्वारा नष्ट करना चाहते हैं लेकिन आपके पास किसी कारण से नकली दवाइयां मिल चुकी है तो आप का रोग नष्ट नहीं हो पाया यदि आप गन्ने की किनारे की दवाइयां करना चाहते हैं तो आपको पूरी जांच पड़ताल करनी जरूर चाहिए गन्ने की कीटनाशक दवाइयां कुछ इस प्रकार है

  • कोराजन
  • पटेरा
  • कालिया
  • सागरिका
  • टाइगर

अन्य प्रकार की भी दवाइयां पाई जाती है इन दवाइयों को किस समय लगाएं इसकी संपूर्ण जानकारी हम आपको नीचे के आर्टिकल में बताइए

गन्ने की फसल में कोराजन का इस्तेमाल कैसे करें

गन्ने की फसल में कोराजन इस्तेमाल करने की नुस्खे को कुछ इस प्रकार आजमाएं हम आपको बता देंगे अधिकतर किसान भाई कोराजन को अपनी गन्ना फसल में किस प्रकार लगाएं तो हम आपको बता दें कोराजन को लगाने के लिए आपको 1 एकड़ में 400 लीटर पानी में कोराजन को मिलाएं और इसको बाल्टी में भरकर एक भाग से गन्ने की फसल की जड़ में डालें ऐसा करने से गन्ने की फसल के सभी प्रकार के रोग नष्ट हो जाते हैं

और गन्ने की ग्रोथ में भी अच्छी शादी होती है कोराजन को आप सभी स्प्रे द्वारा भी लगा सकते हैं लेकिन स्प्रे करने की लिए आपको अधिक से अधिक पानी में मिलाकर इसे पेड़ पर गन्ने के पौधे को अच्छी तरीके से भीगने दें ऐसा करने से इसका रोग नष्ट हो जाता है

पटेरा रोग मुफ्त कीटनाशक दवाई

गन्ना किसान भाई आज के समय में गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए तरह तरह की दवाइयां लगाते है और गन्ने की फसल में तब भी कोई असर नहीं पड़ता हम आपको बता दें तेरे नाम की यह दवाई जरूर लगाएं इस दवाई को लगाने से गन्ने की लंबाई में वृद्धि होती है और गन्ने की अच्छी ग्रोथ भी होती है

 

इसे लगाने से गन्ने की फसल में किसी प्रकार का कोई रोक नहीं आता भटेरे को किस प्रकार से लगाएं 1 एकड़ में 5kg पटेल को एक बैग खाद की मिक्स कर ले और इसे लगाने का समय गन्ने को 5 से 6 महीने या 4 से 6 महीने के बीच का होना चाहिए इसे लगाने से गन्ने में अधिक समय तक कोई रोक नहीं आता और यह गन्ने की फसल के लिए लाभदायक भी होता है

गन्ने की फसल में कालिया नाम का कीटनाशक दवाई कैसे लगाएं

अधिक से अधिक किसान भाई गन्ने की फसल में सभी प्रकार के दवाइयां इस्तेमाल करते हैं यदि आप कालिया नाम की दवाई इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आपको इस्तेमाल करना जरूरी चाहिए कालिया नाम की यह दवाई 3 महीने से 5 महीने की गन्ने की फसल पर लगाया जाता है यह दवाई गन्ने की फसल के लिए अच्छी दवाई है यह गन्ने की फसल में अच्छी पैदावार भी करता है और किसी प्रकार की कोई रोग भी नहीं आने देता

सागरिका कैसे लगाएं

गन्ने की फसल में सागरिका को लगाने के लिए कौन सा सामान होना चाहिए वह किन किन कार्य में यह दवाई काम आती है तो आपको बता दें सागरिका को गन्ने की फसल में पहले सिंचाई करते हुए इस दवाई का इस्तेमाल खाद में मिलाकर करें इस दवाई से गन्ने की अच्छी ग्रोथ होती है और गन्ने की फसल में वृद्धि होती है यह दवाई गन्ने की फसल के लिए भी बहुत ज्यादा लाभदायक है यह दवाई को सभी किसान भाई जरूर लगाएं

गन्ना दवाई टाइगर क्या है

यूं तो गन्ने की फसल में कई प्रकार की दवाइयां काम में लाई जाती है लेकिन टाइगर नाम की है गवाही गन्ने की फसल की पत्तियों में कोई कमी नहीं आने देता जिसके कारण करना लंबे समय तक बढ़ता है इस दवाई को लगाने का मुख्य कारण यह है कि गन्ने की पत्तियां हमेशा हरि रहती है और गन्ने में किसी प्रकार का रोग भी नहीं आता यह दवाई रोग के लिए भी काम करती है तो सभी किसान भाइयों से यह गुजारिश है

कि इस दवाई को भी अपनी गन्ने की फसल में जरूर लगाएं जिससे कि आप की फसल में अच्छी पैदावार हो सके क्योंकि मैं भी एक किसान और गन्ने की फसल अधिक मात्रा में गाता हूं और मैं इस दवाइयों को अपनी फसल पर इस्तेमाल करता हूं इससे मेरी फसल मैं अच्छी पैदावार होती है मैं आशा करता हूं कि आप भी इन दवाइयों का इस्तेमाल अपनी फसल में जरूर करें और अपनी आय में वृद्धि करें धन्यवाद

 

 

 

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